संजीवनी क्लीनिक के माध्यम से दूर ब‍स्तियों के नागरिकों को अब स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी आसान ;; सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया

प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थाओं से दूर घनी बस्तियों में रहने वाले नागरिकों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की दृष्टि से अन्य राज्यों में प्रचलित बस्ती दवाखाना एवं मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर प्रथम चरण में प्रदेश के सात जिलों में क्रमश: जबलपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं रीवा में 88 संजीवनी क्लीनिक स्थापित की जा रही हैं। जबलपुर जिले में पहले संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण तथा अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री  लखन घनघोरिया द्वारा शनिवार 7 दिसम्बर की शाम 6.30 बजे लेमा गार्डन गोहलपुर में किया जाएगा।
    संजीवनी क्लीनिक के क्रियान्वयन हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं नगरीय प्रशासन विभाग के बीच एमओयू किया गया है। संजीवनी क्लीनिक नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा प्रदत्त सामुदायिक भवन में संचालित किए जाएंगे। संजीवनी क्लीनिकों का संचालन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक किया जाएगा। इन क्लीनिक के माध्यम से ओपीडी परामर्श, गर्भवती महिलाओं की जांच, टीकाकरण सेवाएं, रेफरल सेवाएं, संचारी रोग, वृद्धजनों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं, शिशु रोग सुविधाएं, गैर संचारी रोग जैसे कैंसर, उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह की स्क्रीनिंग व उपचार, 68 प्रकार की लैबोरेट्री जांच सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही नि:शुल्क औषधि वितरण के तहत 120 प्रकार की दवाएं मरीजों को प्रदाय की जाएंगी।
    संजीवनी क्लीनिक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन संचालित होंगे। जिसमें मुख्यत: मेडिकल आफिसर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, एएनएम, लैब टेक्निशियन, मल्टी टास्क वर्कर की टीम रहेगी। संजीवनी क्लीनिक में परामर्श लेने वाले सभी मरीजों की जानकारी 3-टैब मॉडल साफ्टवेयर के माध्यम से टैबलेट पर संधारित की जाएगी। साफ्टवेयर की सुविधा, डाटा संधारण एवं समस्त तकनीकी सहयोग विश फाउंडेशन के द्वारा किया जाएगा। संजीवनी क्लीनिक में सामुदायिक भागीदारी के लिए आशा, एएनएम एवं महिला आरोग्यम समिति की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।