छिन्दवाड़ा
अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत करने वाले छिन्दवाडा जिले ने विगत कुछ वर्षो में मक्का के उत्पादन के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाई है। मक्का उत्पादन में छिन्दवाडा जिला प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अग्रणी जिलों में शुमार हो गया है। जिले के किसान न केवल कई किस्मों के मक्के का उत्पादन कर रहे है, बल्कि मक्के से जुडी नई कृषि तकनीकी को अपनाने में भी पीछे नहीं है। मक्के की उपयोगिता और लोकप्रियता को समझकर जिले में मक्के को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने, मक्के का व्यावसायिक उपयोग बढ़ाने, मक्के से जुडी खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को जिले में स्थापित कराने और उन्नत कृषि तकनीक द्वारा जिले के किसानों को गुणवत्तापूर्ण मक्के के उत्पादन में सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा छिन्दवाडा स्थित पुलिस परेड ग्राउंड में आगामी 15 और 16 दिसंबर को कॉर्न फेस्टिवल का आयोजन किया गया है। कॉर्न फेस्टिवल 2018 की अपार सफलता के बाद अपने व्दितीय संस्करण में यह अपनी तरह की एक अभिनव पहल है जिससे किसानों के साथ ही युवा उद्यमी, व्यापारी, उपभोक्ता, खाद्य व्यंजन निर्माता, शोधकर्ता, कृषि वैज्ञानिक, खाद्य उद्योगों से जुड़ी कंपनियां आदि लाभान्वित होंगे। जिले के छिन्दवाड़ा विकासखंड के ग्राम गुरैया के मक्का उत्पादक कृषक श्री कुंदनलाल धुर्वे एक ऐसे कृषक है जो पिछले कई वर्षो से मक्का की फसल ले रहे है तथा कॉर्न फेस्टिवल के माध्यम से नई तकनीकी और प्रबंधन की जानकारी प्राप्त कर अपनी मक्के की फसल के विपुल उत्पादन का सपना देख रहे है। इस कॉर्न फेस्टिवल के प्रति उनके मन में अत्यंत उत्साह, उमंग और जोश है। ग्राम गुरैया के मक्का उत्पादक कृषक कुंदनलाल धुर्वे ने बताया कि उनके पास 6 एकड़ कृषि भूमि है जिसमें वे मक्का की फसल लेते है। वे लगभग 24 किलो मक्का बीज की बुआई करते है और अनुकूल बारिश होने पर उन्हें लगभग 80 क्विंटल के आस-पास मक्का का उत्पादन मिल जाता है। कभी-कभी अनावृष्टि या अतिवृष्टि से मक्का उत्पादन में कमी भी हो जाती है। इस वर्ष अधिक वर्षा के कारण वे मात्र 20 क्विंटल मक्का का उत्पादन ही ले पाये। कृषक श्री धुर्वे ने बताया कि वे मक्का के बाद गेहूं व उद्यानिकी की फसलें लेते है। उन्होंने बताया कि उत्पादित मक्का का उपयोग पहले रोटी, दलिया और पशु आहार आदि के लिये करते है तथा अतिरिक्त मक्का को मंडी या बाजार में बेच देते है जिससे उन्हें आर्थिक आय हो जाती है। उन्होंने बताया कि मक्का उत्पादन के लिये उन्होंने 1.30 लाख रूपये का कृषि ऋण लिया था जिसमें से शेष बची राशि 97 हजार 193 रूपये मुख्यमंत्री जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत माफ हो गई है। अपनी कृषि ऋण माफी पर उन्होंने मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ को धन्यवाद भी दिया है।