कोलकाता /नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल के हल्दिया में एक दुकान में मंगलवार को चोरी हुई लेकिन कैश जस का तस रखा मिला। दुकान से चोरी हुआ 50,000 रुपये का लहसुन, अदरक और प्याज। प्याज की कीमतें 100 रुपये किलो तक पहुंचने पर दुकानदार ने दुकान में ये सब जमा कर लिया था ताकि बाद में प्रॉफिट मिल सके लेकिन तड़के हुई इस चोरी ने उनके होश उड़ा दिए। व्यापारी ने बताया, 'प्याज, लहसुन और अदरक से भरे 50,000 रुपये के बैग मेरी दुकान से चोरी हो गए। अदरक और लहसुन की मात्रा भले ही कम थी लेकिन उनकी कीमत 12,000 रुपये से ज्यादा थी।' उनकी दुकान पूर्व मिदनापुर के सूतहाट पुलिस स्टेशन के अंतर्गत हल्दिया में स्थित है। चोरी होने से दास का बुरा हाल है। प्याज की आसमान छूती कीमतों पर ब्रेक लगने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली से लेकर कोलकाता और चेन्नै तक के रीटेल मार्केट्स में एक किलोग्राम प्याज 100 से 120 रुपये तक के दाम पर लोगों के किचन में पहुंच पा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मंडियों में प्याज की सप्लाई नहीं बढ़ती तो कीमतें और बढ़ सकती हैं।दिल्ली में 100 रुपये पहुंचे प्याज के दाम लोकल सब्जी मंडियों में प्याज 100 रुपये बिक रहा है। दुकानदारों का कहना है कि पहले वे एक दिन में 30-50 किलो प्याज बेच देते थे। आज उन्हें 10 किलो प्याज भी बेचना मुश्किल हो गया है। पिछले तीन दिनों में 20 से 30 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। प्याज व्यापारियों की मानें तो 15 दिसंबर से पहले प्याज की कीमतों में कमी आने की कोई संभावना नहीं है। चेन्नै में भी प्याज के दाम 100 रुपये के आसपास चल रहे हैं। स्थानीय बाजारों में कहीं-कहीं प्याज 120 रुपये से ज्यादा के दाम पर भी बेचा गया। चेन्नै की बात करें को प्याज के रिटेल दामों ने 120 रुपये का भी स्तर भी तोड़ दिया। पिछले हफ्ते प्याज के थोक दाम 80 रुपये ौर रिटेल दाम 50-60 रुपये थे। क्यों घट रही प्याज प्याज की आवकबीते दिनों कर्नाटक, नासिक, गुजरात में लगातार बारिश होने की वजह से नवंबर-दिसंबर में निकलने वाली प्याज की फसलें खराब हो गई हैं। यही कारण है कि लगातार प्याज की कीमतों में उछाल आ रहा है। फिलहाल दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्याज की आवक अलवर से हो रही है। केवल दो-तीन राज्यों से प्याज की सप्लाई होने के कारण डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है।पूरे देश में प्याज की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के 'आंसू' निकाल दिए हैं, तो विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। तमाम कोशिशों के बाद भी प्याज सस्ता नहीं हुआ तो अब गृहमंत्री अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। इसी बीच खाद्य और आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने एक के बाद कई ट्वीट कर प्याज की महंगाई की वजहें गिनाईं तो यह भी बताया कि सरकार ने अब तक क्या किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मिस्र और तुर्की से मंगाए जा रहे प्याज की खेप 15 दिसंबर तक मिलने लगेगी।शाह कर रहे उच्चस्तरीय बैठक महंगे प्याज को लेकर शाम 5 बजे गृह मंत्री अमित शाह ने मंत्रियों के समूह के साथ संसद में बैठक बुलाई। बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर, कैबिनेट सचिव राजीव गाबा और प्रधानमंत्री के सलाहकार पीके सिन्हा भी शामिल हैं। पासवान ने कहा कि प्याज की कीमतें नियंत्रित करने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपाय भी शामिल हैं। अब प्याज को लेकर पासवान ने भी कम उत्पादन से लेकर आयात तक हर मुद्दे पर ट्वीट किए।सरकार कर रही कीमत नियंत्रण की कोशिशें'पासवान ने कहा, बाजार में प्याज की बढ़ी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इस बार मॉनसून में एक महीने की देरी के कारण प्याज की बुवाई में देरी भी हुई और पिछले साल से कम रकबे में बुवाई हुई जिसके कारण उत्पादन घटा और नई फसल के भी बाजार में आने में देर हो रही है। वह बोले कि कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान में काफी ज्यादा बारिश होने के कारण प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसके कारण 26% उत्पादन कम हुआ। इसके अलावा, कई हिस्सों में बाढ़ के कारण काफी प्याज खराब हो गया और ढुलाई में परेशानी हुई।
57000 टन का बफर स्टॉक पासवान ने कहा कि प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने और उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने पहली बार प्याज का 57000 टन का बफर स्टॉक बनाया और जिन राज्य सरकारों ने जब और जितने प्याज की मांग की, उनको सस्ते दर पर उतना प्याज मुहैया कराया गया। 29 सितंबर को सरकार ने प्याज के निर्यात पर पूरी तरह रोक लगा दी और इसी दिन प्याज के भंडारण पर स्टॉक लिमिट लगाई गई। स्टॉक लिमिट में दो दिन पहले फिर से संशोधन किया गया है, ताकि जमाखोरी रोकी जा सके।पासवान ने ट्वीट कर बताया, सरकार खुद भी NAFED और NCCF के जरिए विभिन्न जगहों पर और सफल, केन्द्रीय भंडार, मदर डेयरी आदि के काउंटरों से उपभोक्ताओं को सस्ता प्याज मुहैया करवा रही है। आयात में कई सुविधाओं और रियायतों की घोषणा के कारण प्याज का आयात तेजी से बढ़ा है। MMTC के जरिए सरकार खुद भी आयात कर रही है और निजी आयातकों को भी प्रोत्साहन दिया है। अगले एक हफ्ते में आयातित प्याज बाजार में उपलब्ध हो जाएगा।तुर्की, मिस्र से मंगाया गया प्याज प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए MMTC ने 6090 टन प्याज मिस्र से और 11000 टन तुर्की से मंगाया है जो 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच उपलब्ध हो जाएगा। तुर्की से और 4000 टन प्याज जनवरी के मध्य तक बाजार में आ जाएगा। इसके अलावा 5-5 हजार टन के तीन नए टेंडर भी निकाले गए हैं।केंद्रीय कैबिनेट ने घरेलू आपूर्ति में सुधार और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 1.2 लाख टन प्याज के आयात को मंजूरी दी है। सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पहले ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। प्याज का आयात तुर्की और मिस्र जैसे देशों से किया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी ने तुर्की से 4,000 टन प्याज आयात का एक और ऑर्डर दिया है। आयात की यह खेप जनवरी मध्य तक पहुंचने की उम्मीद है। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी। 4,000 टन का यह ताजा ऑर्डर 17,090 टन प्याज आयात के लिए पहले किए गए अनुबंध से अलग है जिसमें मिस्र से 6,090 टन और तुर्की से 11,000 टन प्याज का आयात करना शामिल है।